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The power issue in the midst of the Chakra shows the highest, the invisible, along with the elusive Middle from which all the figure Bhandasura and cosmos have emerged.
सा नित्यं रोगशान्त्यै प्रभवतु ललिताधीश्वरी चित्प्रकाशा ॥८॥
॥ इति त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः सम्पूर्णं ॥
कन्दर्पे शान्तदर्पे त्रिनयननयनज्योतिषा देववृन्दैः
सा मे दारिद्र्यदोषं दमयतु करुणादृष्टिपातैरजस्रम् ॥६॥
ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।
गणेशग्रहनक्षत्रयोगिनीराशिरूपिणीम् ।
तरुणेन्दुनिभां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥२॥
The story is usually a cautionary tale of the strength of need as well as the necessity to establish discrimination as a result of meditation and pursuing the dharma, as we development in our spiritual route.
कामेश्यादिभिराज्ञयैव ललिता-देव्याः समुद्भासितं
देव्यास्त्वखण्डरूपायाः स्तवनं तव तद्यतः ॥१३॥
श्रीगुहान्वयसौवर्णदीपिका दिशतु श्रियम् ॥१७॥
॥ ॐ क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं श्रीं ॥
Hadi mantras are known for their energy to purify and are typically utilized for cleansing rituals more info and preparatory procedures.